मधुबनी बिहार का वह जिला है जो कि अपने धनी संस्कृति के लिए जाना जाता है। मधुबनी बिहार के मिथिला रीजन में आता है यहां पर ज्यादातर लोग मैथिली भाषा का प्रयोग करते हैं। मधुबनी अपने संस्कृति के साथ-साथ अपने पर्यटक स्थल के लिए भी काफी मशहूर है। यहां पर आपको बहुत अच्छे-अच्छे पर्यटक स्थल मिल जाएंगे जहां पर जाकर आप काफी आनंद उठा सकते हैं।
मधुबनी को मैथिली संस्कृति का केंद्र भी कहा जाता है जहां पर आपको अलग-अलग तरह की कलाई देखने को मिलेगी। जैसे कि मधुबनी पेंटिंग जो कि अपनी कला के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है। मधुबनी पेंटिंग के कला को आप कई शहरों में देख सकते हैं जैसे कि आप दिल्ली मेट्रो में भी देख सकते हैं। बिहार की राजधानी पटना में अलग-अलग सरकारी भवनों के पास आप मिथिला पेंटिंग की कला को देख सकते हैं जो की काफी अच्छे लगते हैं।
मधुबनी अपनी संस्कृति के साथ-साथ कई चीजों में अवल है जैसे कि आप यहां पर लोगों में एक दूसरे के प्रति प्यार देख सकते हैं यहां पर लोग एक दूसरे के सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। यहां के छोटे लोग अपने बुजुर्गों का आदर सम्मान ज्यादा करते हैं। यहां की मिट्टी में यह सभी आदतें कूट-कूट कर भरी हुई है। इस मिट्टी पर आने के बाद हर कोई इस मिट्टी का दीवाना हो जाता है चाहे वह देसी हो या विदेशी हो।
मधुबनी जिसे मिथिला क्षेत्र का केंद्र माना जाता है। यह माता जानकी जिसे सीता माता करते हैं उसका जन्म स्थान भी है। सीता माता का जन्म मिथिला क्षेत्र में ही राजा जनक के यहां हुआ था। इसके बाद उनका विवाह भगवान राम के साथ हुआ।
यहां पर पर्यटकों के घूमने के लिए काफी अच्छे-अच्छे पर्यटक स्थल है। जिसे पर्यटक आसानी से घूम सकते हैं। यहां पर घूम के आप यहां की संस्कृति को सिख और समझ सकते हैं। यहां पर जितने भी पर्यटक स्थल है वहां पर घूमने के लिए काफी अच्छे रास्ता यह बनाए गए हैं ताकि पर्यटकों को घूमने में कोई भी परेशानी ना हो।
आज हम आपको ऐसे ही पांच सबसे अच्छा पर्यटक स्थल बताएंगे जिसे आप मधुबनी में आसानी से घूम पाएंगे और यहां के संस्कृति को समझ पाएंगे इसके साथ ही अपने छुट्टियों का आनंद ले पाएंगे।
उच्चैठ
यह मधुबनी में धार्मिक पर्यटक स्थलों में से एक है। यह मधुबनी जिला के बेनीपट्टी ब्लॉक के उज्जैठ गांव में स्थित है। यहां पर मां दुर्गा के मंदिर स्थापित है। लोग इसे भगवती मंदिर के भी नाम से जानते हैं। मान्यता है की प्रसिद्ध कवि कालिदास को यहीं से विद्या प्राप्त हुई थी। जो कि अपनी संस्कृत साहित्य रचना के लिए प्रसिद्ध है। लोगों का मानना है कि कालिदास देवी भगवती के आशीर्वाद से संस्कृत के विद्वान कवि बने। इसके साथ ही मंदिर के पास एक लाइब्रेरी है जिसमें आप कालिदास एवं उन कवियों द्वारा लिखी हुई पुस्तक पढ़ सकते हैं। आध्यात्मिक रूप से यह स्थान सबसे अच्छा है अगर आप भी आध्यात्मिक है और किसी अच्छी जगह घूमना चाहते है तो आप उज्जैठ मंदिर घूम सकते हैं।
यहां पर जाने के लिए आपको सबसे पहले मधुबनी जिला जाना होगा। और अगर आप कहीं दूसरे राज्य से घूमने के लिए आ रहे हैं तो आप प्लेन के माध्यम से के रास्ते सीधे दरभंगा हवाई अड्डा आ सकते हैं वहां से भी आपको सीधे बेनीपट्टी की बस मिल जाएगी या आप मधुबनी से बेनीपट्टी की सीधी बस ले सकते हैं।
कपिलेश्वरस्थान
कपिलेश्वर स्थान जो कि अपनी प्राचीनता के लिए काफी मशहूर है। यहां पर भगवान शिव माता पार्वती का मंदिर है जिसे दर्शन करने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। प्राचीन मानताओ के अनुसार इस जगह की स्थापना कपिल मुनि नामक ऋषि ने की थी। यह स्थान रहिका से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है जो की मधुबनी जिले के अंतर्गत आते हैं।
इसके साथ ही मंदिर के पास एक बड़ा सा तालाब है जो की देखने में काफी विशाल है। जहां पर भक्त स्नान करते हैं उसके बाद भगवान की पूजा अर्चना करते हैं। यहां पर हर एक सोमवार को काफी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है।
सौराठ
सौराठ, जो कि सोमनाथ महादेव मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है। मानता है कि इस मंदिर की स्थापना का मुख्य कारण ब्राह्मणों द्वारा विवाह की बातचीत की बुनियादी आवश्यकता के लिए अपनी वार्षिक सभा आयोजित करने के लिए किया गया था।
भवानीपुर
मधुबनी में यह काफी प्रसिद्ध पर्यटक स्थलों में से एक है। यह जगह उगनानाथ मंदिर के लिए काफी प्रसिद्ध है। इसके साथी यह जगह महान कभी विद्यापति के कारण भी फेमस है। मान्यता है कि भगवान शिव जब विद्यापति के पास सेवक बनकर आए थे उसके बाद इसी मंदिर में भगवान ने विद्यापति को अपनी सच्चाई बताई थी।
यह जगह मधुबनी जिले के पंडोल ब्लॉक में स्थित है। यहां पर आप किसी भी लोकल बस के माध्यम से मधुबनी जिले से आसानी से पहुंच सकते हैं।
मिथिला हॉट (mithila haat)
यह मधुबनी जिले के झंझारपुर में स्थित है। अगर आप पुरानी संस्कृति को देखने और का शौक रखते हैं तो आप मिथिला घाट जा सकते हैं। यह बिहार सरकार द्वारा 13 करोड़ की लागत में बनाया गया है। यहां पर आपको बिहार की हर एक कलाकृति देखने को मिलेंगे। यहां पर आप बिहार की संस्कृति को अच्छे से पहचान पाएंगे।
इसके साथ ही यहां पर आप बिहार की पारंपरिक व्यंजन का भी आनंद उठा सकते हैं। जैसे कि मरवा रोटी और मछली आदि।