7 नवंबर को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव के रिजल्ट आने के बाद यह साफ हो गया कि अमेरिका के 47वे राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बनने जा रहे हैं। इससे पहले वह अमेरिका के 45 में राष्ट्रपति के रूप में 2017 से 2021 तक काम कर चुके हैं।
अमेरिका के राष्ट्रपति अभी जो बाइडेन है जिनका कार्यकाल जनवरी में समाप्त होने जा रहा है जिसके बाद डोनाल्ड ट्रंप राष्ट्रपति के रूप में अपना पदभार संभालेंगे।
देखना होगा की डोनाल्ड ट्रंप के इस कार्यकाल में भारत के प्रति कैसी पर राजनीति रहती हैं, इससे पहले 45वे राष्ट्रपति के रूप में डोनाल्ड ट्रंप की भारत के प्रति राजनीतिक काफी अलग थी। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में भारत के साथ कई सारे क्षेत्र में समझौते किए थे। जैसे कि ट्रंप ने अपने कार्यकाल के दौरान ही क्वॉड समूह को आगे बढ़ाया था।
लेकिन देखना होगा कि इस इस बार ट्रंप की राजनीति भारत के प्रति कैसे रहती है क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप ने अपने चुनावी प्रचारकों में कई बार भारत को लेकर कई मुद्दे उठ चुका है जैसे कि भारत अमेरिका से आयात चीजों पर बहुत ही ज्यादा टैक्स लगता है और भारत अपने सामान बिना टैक्स के अमेरिका में भेजता है।
इस बार कैसी रहेगी डोनाल्ड ट्रंप की नीति
ट्रंप ने अपनी चुनावी रैलियां से ही यह संकेत दे दिया है कि अमेरिका फर्स्ट एंड मेक अमेरिका गेट की नीति रहेगी। उन्होंने अपने कई भाषणों में अमेरिका फर्स्ट का जिक्र किया है।
विशेषज्ञों की माने तो ट्रंप अमेरिका की चल रही कई नीतियों बदलाव कर सकते हैं। माना जा रहा है कि इस बार की नीतियां ज्यादा दक्षिण एशिया में फोकस रहेगी। खासकर डोनाल्ड ट्रंप चीन को लेकर अपनी नीतियों काफी बदलाव कर सकते हैं।
माना जा रहा है कि ट्रंप साउथ एशिया से होने वाले अमेरिका में आयात वाले प्रोडक्ट पर काफी आयत शुल्क बढ़ा सकते हैं। ट्रंप का मारना है कि यह सभी देश अपने प्रोडक्ट अमेरिका में बिना आयत शुल्क के भेजते हैं और अमेरिका के प्रोडक्ट इन सभी देशों में जाते हैं तो वहां पर काफी भारी मात्रा में टैक्स लगाया जाता है।
इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप की नीति चीन को काउंटर करने में होगी। क्योंकि चैन तेजी से उभरते हुए अर्थव्यवस्था है और अमेरिका और ट्रंप का मानना है कि उनके लिए काफी खतरा है। विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि अमेरिका की नीति चीन के खिलाफ ताइवान को लेकर काफी उखड़ रहेगी।
डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी चुनावी कैंपेन के दौरान अमेरिका वासियों से अमेरिका में रह रहे हैं अवैध प्रवासियों को देश से निकालने का वादा किया है। डोनाल्ड ट्रंप का मारना है कि देश में रह रहे अभी प्रवासियों उनके संसाधनों को खत्म कर रहे हैं और साथ ही अमेरिकी रोजगारों को अमेरिका वासियों से छीन रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि ट्रंप सबसे पहले इसी मुद्दे पर काम कर सकते हैं।
भारत को लेकर कैसी रहेगी ट्रंप की नीति
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों की माने तो भारत को लेकर ट्रंप की नीतियों में काफी बदलाव देखने को नहीं मिलेगी। लेकिन उनकी नीति का सबसे बड़ा ज्यादा प्रभाव अमेरिका में रह रहे भारतीय प्रवासियों पर पड़ सकता है जो अमेरिका में लाखों की संख्या में h1 वीजा पर रह रहे हैं।
इसके साथ ही विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि शायद ट्रंप भारत से आयात होने वाले प्रोडक्ट पर आयात शुल्क बढ़ा सकते हैं। क्योंकि ट्रंप ने अपने चुनावी चैंपियन के द्वारा यह कहा था कि अगर भारत का कोई भी सामान अमेरिका में बिकता है तो हम उसे पर टैक्स नहीं लगता है लेकिन वहीं अगर अमेरिकी समान भारत में बिकते हैं तो भारत सरकार बहुत ही अधिक मात्रा में टैक्स लगाती है।
अगर ट्रंप भारतीय प्रोडक्ट के ऊपर टैक्स लगाते हैं तो इसका प्रभाव काफी देखने को मिलेगा क्योंकि अमेरिका और भारत के बीच काफी मात्रा में ट्रेड होता है।
इसके साथ ही रक्षा के क्षेत्र में ट्रंप के कार्यकाल में भारत और अमेरिका और भी नजदीक आ सकते हैं। लोगों का मानना है कि इसका सबसे बड़ा कारण चीन रहेगा क्योंकि चीन बढ़ती हुई एक अर्थव्यवस्था है और उसका काउंटर करने के लिए साउथ एशिया में अमेरिका को कोई भी एक ताकतवर साझेदारी चाहिए जो कि भारत है।
ट्रंप और मोदी के रिश्ते
विशेषज्ञ की माने तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप के बीच काफी अच्छे रिश्ते हैं। जो कि हमें कई बार देखने को भी मिले हैं। साल 2020 में जब ट्रंप भारत के दौरे पर आए थे तब नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रंप के लिए नमस्ते ट्रंप समारोह का आयोजन किया था।
वहीं इससे पहले 2019 में जब प्रधानमंत्री मोदी अमेरिकी दौरे पर गए थे तो ट्रंप ने प्रधानमंत्री के स्वागत में हाउडी मोदी का कार्यक्रम रखा था। जिसमें ट्रंप में मोदी की काफी तारीफ की थी और साथ ही ट्रंप ने मोदी को अपना खाता दोस्त बताया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ट्रंप के बीच में औपचारिक रिश्ते का फायदा भारत को हो सकता है।
हिंदुओं को लेकर ट्रंप की नीति
बात हिंदुओं को लेकर ट्रंप की नीति भी करें तो ट्रंप ने अपने राजनीतिक चुनाव में खुलकर हिंदुओं का पक्ष रखा है। अमेरिकी चुनाव प्रचार के दौरान ट्रंप ने बांग्लादेश में हो रहे है हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर खुलकर पोस्ट किया था।
ट्रंप ने पोस्ट में यह लिखा था कि, ”अगर मैं राष्ट्रपति होता तो ऐसा कभी नहीं होता. कमला और जो बाइडन ने पूरी दुनिया और अमेरिका में हिंदुओं की अनदेखी की है. इसराइल से लेकर यूक्रेन तक उनकी नीति भयावह रही है. लेकिन हम अमेरिका को एक बार फिर मजबूत बनाएंगे और शांति लाएंगे.”
उन्होंने आगे लिखा, ”हम रेडिकल लेफ्ट के धर्म विरोधी एजेंडे से हिंदू अमेरिकी को बचाएंगे. अपने शासन में मैं भारत और दोस्त नरेंद्र मोदी के साथ संबंधों को और मज़बूत करूंगा.”
इसके साथ ही ट्रंप ने अपने कई भाषणों में हिंदुओं की जमकर तारीख की है, साथ ही उन्होंने हिंदुओं के सुरक्षा की भी बात कही।