बिहार भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक है, जहां की आर्थिक असमानता और ग्रामीण गरीबी गंभीर मुद्दों में गिनी जाती है। नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार बिहार, भारत के सबसे पिछड़ा और गरीब राज्य में आता है। इस लेख में हम आपको बिहार के सबसे गरीब जिले के बारे में बताने जा रहे हैं। बिहार राज्य देश के दूसरे राज्य के मुकाबले तो करीब है ही लेकिन बिहार के कुछ ऐसे भी जिले हैं जो बिहार के लोगों की औसत आय के मुकाबले उनसे 4 से 5 गुना कम औसत आय कमाते हैं।
बिहार का सबसे गरीब जिला
बिहार के जिलों में शिवहर को सबसे गरीब जिलों में से एक माना जाता है। शिवहर की आर्थिक स्थिति अत्यंत कमजोर है, जहाँ प्रति व्यक्ति आय अन्य जिलों की तुलना में काफी कम है। बिहार में कृषि और मजदूरी आधारित अर्थव्यवस्था के कारण कई जिले गरीबी की चपेट में हैं, लेकिन शिवहर में विकास की कमी के कारण गरीबी का स्तर काफी अधिक है।
सबसे गरीब जिला होने के मुख्य कारण है
- कृषि पर निर्भरता: यहां के ज्यादातर लोग अपने जीवन यापन के लिए खेती पर निर्भर रहते हैं। शिवहर जिले में कृषि काम एक प्रमुख श्रोत है, लेकिन जिले में समय से बारिश न होना जिससे सूखे की स्थिति में फसलें नष्ट हो जाती हैं, जिससे लोगों की आय अस्थिर हो जाती है।
- औद्योगिक विकास का अभाव: जिले में बड़े उद्योगों का अभाव है, जिससे रोजगार के अवसर सीमित हैं और युवाओं को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ता है।
- शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी: शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का अभाव लोगों की जीवनशैली और आर्थिक सशक्तिकरण में बाधा बनता है।
प्रति व्यक्ति आय
प्रति व्यक्ति आय किसी जिले की आर्थिक स्थिति को मापने का एक महत्वपूर्ण सूचकांक है। शिवहर जिले में प्रति व्यक्ति आय बिहार और राष्ट्रीय औसत के मुकाबले अत्यंत कम है। शिवहर का प्रति व्यक्ति आय लगभग 20,000 से 30,000 रुपये प्रति वर्ष के बीच, जोकि बहुत कम है। वही सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (MoSPI) द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार बिहार का औसत प्रति व्यक्ति आय 2022-23 के अनुसार 50,000 से 55,000 रुपये प्रति वर्ष है। देखा जाए तो शिवहर जिले के व्यक्ति की आय पूरे राज्य के औसत आय के आधी है।
बिहार के सबसे गरीब जिलों की सूची में शिवहर के साथ यह जिले भी है।
शिवहर के अलावा, बिहार के अन्य जिले जैसे कि मधुबनी, अररिया, कटिहार, सुपौल और किशनगंज भी अत्यधिक गरीबी की श्रेणी में आते हैं। इन जिलों में गरीबी बहुत ज्यादा है, और इनकी आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए विशेष प्रयास की आवश्यकता है। इन सभी जिलों के व्यक्ति की औसत आय राज्य के औसत आय से काम होना राज्य के लिए काफी चिंताजनक है।
शिवहर और बिहार की राजधानी पटना की तुलना
पटना बिहार की राजधानी है। पटना राज्य का सबसे समृद्ध जिला माना जाता है। पटना में औद्योगिक विकास, शिक्षा, स्वास्थ्य, और बेहतर जीवनशैली के कई अवसर उपलब्ध हैं। अगर पटना जिले के व्यक्ति की औसत आय की तुलना शिवहर जिले के लोगों से की जाए तो शिवहर का काफी कम है। देखा जाए तो पटना जिले के लोगों की औसत सालाना आय 130000 रुपए के आसपास है वही शिवहर जिले के लोगों की औसत आय 20 से 30000 के बीच में है जो की दोनों के बीच का अंतर काफी बड़ा है पटना के लोगों की औसत आय शिवहर जिले के लोगों से 5 से 6 गुना जाता है। इसके साथ ही पटना जिले में शिवहर राज के मुकाबले रोजगार के ज्यादा अवसर है
विशेषता | शिवहर | पटना |
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प्रति व्यक्ति आय | 20,000-30,000 रुपये | 1,30,000 रुपये के आसपास |
शिवहर का भारत के अन्य हिस्सों से तुलनात्मक विश्लेषण
इंटरनेशनल मोनेटरी फंड द्वारा जारी की गई डाटा के अनुसार भारत प्रति व्यक्ति औसत आय ₹220000 से लेकर ₹230000 के बीच में है। वही इस औसत आय को शिवहर जिले के औसत आय से तुलना करें तो वह काफी कम है। शिवहर जिले के लोगों की औसत आय की तुलना में भारत के प्रति व्यक्ति औसत आय 10 से 11 गुना अधिक है।
बिहार सरकार और केंद्र सरकार की योजनाएँ
बिहार सरकार और केंद्र सरकार गरीबी कम करने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही हैं। जिनका उल्लेख नीचे दिया गया है। सरकार द्वारा इस योजनाओं को लागू करने का उद्देश्य राज और जिले से गरीबी मिटाना है ताकि देश के सभी लोग एक समान रहे और अपने और अपने बच्चों का भरण पोषण कर सके। इसके साथ ही सरकार कई चीजों में सब्सिडी भी देती है। जैसे की उज्जवल योजना के तहत सरकार कम दामों में गरीब लोगों को गैस उपलब्ध कराती है इसके साथ ही खेती में भी सरकार बीज और खाद खरीदने के लिए सब्सिडी देती है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA): यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए है। इस योजना के तहत सरकार गरीब लोगों को उसके गांव में ही रोजगार उपलब्ध करा कर देती है ताकि उन्हें अपने काम के लिए कहीं दूसरे जगह जाना ना पड़े।
- प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY): इस योजना के तहत गरीब परिवारों को पक्के घर दिए जाते हैं।
- स्वच्छ भारत मिशन: स्वास्थ्य और स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए यह योजना चलाई जा रही है, जिससे जीवनस्तर में सुधार हो सके।
- बिहार राज्य खाद्य सुरक्षा योजना: गरीब परिवारों को खाद्यान्न प्रदान करने के लिए यह योजना प्रभावी है।
गरीबी हटाने के लिए यह कदम उठा सकती है सरकार
शिवहर जैसे जिलों में गरीबी दूर करने के लिए कुछ सटीक कदम उठाने की आवश्यकता है। सरकार जिले से गरीब मिटाने के लिए जिले में उद्योग की स्थापना कर सकते हैं ताकि लोगों को अपने काम खोजने के लिए कहीं दूसरे शहर या जिले ना जाना पड़े साथ ही सरकार किसानों को कम से कम दामों पर उनके बीच और खाद उपलब्ध करा सकती है साथ ही उन्हें कृषि के लिए सब्सिडी भी दे सकते हैं।