साल 2023-24 के प्लेसमेंट सीजन के समाप्त होने के बाद भी भारत के दिग्गज संस्थानों Indian Institute of Technology में अभी भी 7,000 से अधिक छात्र बेरोजगार है बेरोजगार है। यह आंकड़ा भारत के सबसे बड़े संस्थान आईआईटी का है।
यह आंकड़ा IIT कानपुर के पूर्व छात्र धीरज सिंह द्वारा दाखिल की गई आरटीआई (सूचना का अधिकार) के जवाब से सामने आया है। इस आंकड़े से पता चलता है कि देश के सभी 23 IIT कैंपसों के स्नातकों करने के बाद भी लगभग 7000 से अधिक छात्र बेरोजगार है।
यह आंकड़ा किसी छोटे-मोटे यूनिवर्सिटी का नहीं है बल्कि भारत के दिग्गज संस्थाओं का है जिसमें एडमिशन पाने के बाद यह माना जाता है कि नौकरी पक्की है। वर्ष 2023 24 में प्लेसमेंट में नौकरी न मिलाना यह दिखाता है कि कैसे देश के सबसे प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग संस्थानों के छात्रों को भी अब नौकरियों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है। एक समय था जब IIT से ग्रेजुएट होना नौकरी मिलने की गारंटी मानी जाती थी, लेकिन अब स्थिति बदल रही है।
विशेषज्ञ की माने तो आईआईटी छात्रों को नौकरी न मिलने का सबसे बड़ा कारण AI आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है। क्योंकि ज्यादातर बड़ी टेक कंपनियां अपने काम के लिए अब AI का उपयोग करने लगी है। और कंपनियां AI का उपयोग कर कम पैसे में अपने काम कर लेती है