हाल ही में एक वीडियो Social Media पर वायरल हो रहा है, जिसने एक व्यक्ति एक 11 साल के बच्चे से बात कर रहा है। जो को अपने आप को क्लास 6 वीं कक्षा का छात्र बता रहा है। इस वीडियो में बच्चा बता रहा है कि वह अभी से ही मेडिकल प्रवेश परीक्षा NEET की तैयारी कर रहा है। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि बच्चे ने Allen कोचिंग संस्थान के ड्रेस पहन रखे है। इस घटना ने कम उम्र के बच्चों पर डाले जा रहे दबाव और तनाव को लेकर सवाल उठा रहे हैं।
इस इस वीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोगों में यह बहस छिड़ गई है कि क्यों आखिरकार बच्चों पर पढ़ाई के नाम पर इतना दबाव डाला जा रहा है इतनी छोटी उम्र में बच्चों को शिक्षा के नाम पर मानसिक तनाव से होकर गुजरना पड़ रहा है यह हमारे बच्चों के भविष्य के लिए बोड़ा की तरह साबित हो रहा है।
शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस उम्र में बच्चों का मानसिक विकास के साथ-साथ शारीरिक विकास भी सबसे महत्वपूर्ण होना चाहिए। 11 साल की उम्र में किसी बच्चे का मुख्य उद्देश्य खेल-कूद, शारीरिक और मानसिक विकास, तथा सामान्य जीवन अनुभवों से सीखना होना चाहिए। लेकिन जब एक बच्चा इतनी कम उम्र में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयारी शुरू कर देता है, तो उसका बचपन कहीं खो सा जाता है।
हाल के वर्षों में, प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे कि NEET और JEE की तैयारी ने एक अलग ही दिशा ले ली है। बच्चों को छोटी उम्र से ही कोचिंग क्लासेस, ट्यूटर्स और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स की ओर धकेला जा रहा है, ताकि वे प्रतियोगिता में आगे रह सकें। लेकिन इसका नतीजा यह हो रहा है कि बच्चों पर हद से ज्यादा तनाव पढ़ रहा है जिसे आजकल के बच्चे कभी-कभी नहीं सहन कर पाते हैं। जिसके चलते आगे जाकर वह कोई गलत कदम उठा लेते हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की मानसिक और शारीरिक भलाई को प्राथमिकता देनी चाहिए। प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करना गलत नहीं है, लेकिन इतनी कम उम्र में बच्चों पर दबाव डालना उनकी भलाई के लिए हानिकारक हो सकता है।
वहीं कुछ माता-पिता का मानना है कि शुरुआती तैयारी से बच्चों को आगे चलकर फायदा हो सकता है, लेकिन इस प्रक्रिया में बच्चों की खुशी और मानसिक स्वास्थ्य के साथ समझौता नहीं करना चाहिए।
इस वायरल वीडियो ने हमारे समाज में एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। की क्या हमें अपने बच्चों पर शिक्षा के नाम पर इतना दबाव डालना चाहिए क्या हम शिक्षा के नाम पर उनकी बचपन छीन रहे हैं।