जब भी किसी कंपनी में किसी व्यक्ति को जॉब पर रखने या उस कंपनी के टॉप टैलेंट को बरकरार रखने की बात आती है, तो कंपनियां अक्सर Salary Negotiation करती हैं। लेकिन Zoko Company के CEO और Co-Founder अर्जुन ने इसको लेकर एक अलग ही पॉलिसी बनाई है। Zoko के CEO अर्जुन मैं इसको लेकर एक लिंकडइन पोस्ट किया उसके बाद सोशल मीडिया पर एक अलग ही बाहर छिड़ गई। इस लिंकडइन पोस्ट में अर्जुन का कहना है कि “हम सैलरी पर कोई मोलभाव नहीं करते। हम वही सैलरी देते हैं जो कैंडिडेट मांगते हैं।
“अर्जुन ने अपने लिंकडइन पोस्ट में लिखा की हाल ही में 18 से ज्यादा लोगों को अपनी टीम में जोड़ने के बाद मुझे यह चीज समझ में आ गई है कि world-class talent को कैसे कंपनी में रिटेन किया जाता है।”
“हम सैलरी को लेकर कोई Negotiation नहीं करते हैं। हम वही सैलरी देते हैं जो वे मांगते हैं।”
इसके साथ ही अर्जुन ने आगे लिखा कि “हम साल में एक बार सैलरी को revisions करते हैं। जिसके पीछे उन्होंने कई कारण बताए हैं।
अर्जुन ने आगे यह भी लिखा कि, “मैंने अब तक सिर्फ एक बार सैलरी को लेकर नेगोशिएशन किया है, और वह भी सैलरी बढ़ाने के लिए। क्योंकि एक कैंडिडेट दूसरे की तुलना में अपने आप को अंड़र वैल्यू बता रहा था जबकि दूसरे व्यक्ति भी उसी के रोल में थे जिस कारण उसकी ज्यादा सैलरी मिलनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा कि इस पॉलिसी का मकसद सिर्फ टैलेंट को आकर्षित करना नहीं है, बल्कि यह कर्मचारियों को सम्मानित महसूस कराना भी है। अर्जुन का मानना है कि जब आप लोगों को उनकी मांग के हिसाब से भुगतान करते हैं, तो वे और ज्यादा मेहनत से काम करते हैं और कंपनी के प्रति वफादार रहते हैं।
इस नीति ने ‘ज़ोको’ को एक मजबूत और स्थिर टीम बनाने में मदद की है। अर्जुन का कहना है कि ऐसे कदम न केवल एक अच्छी कार्य संस्कृति बनाते हैं, बल्कि कंपनी को लंबे समय तक सफल बनाए रखते हैं।