हाल ही में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने शेयर मार्केट में इंडेक्स डेरिवेटिव्स के कॉन्ट्रैक्ट साइज और उसके प्राइस को बढ़ाने का फैसला किया है। यह फैसला सेबी द्वारा जारी कर दिया गया है अब यह नियम पूरे बाजार पर 20 नवंबर से लागू होगा।
सेबी द्वारा यह फैसला रिटेल इन्वेस्टर की बढ़ती हुई इंडेक्स डेरिवेटिव मार्केट में भागीदारी को देखते हुए लिया गया है। सेबी का मानना है कि इस फैसले से रिटेल इन्वेस्टर के लॉस की जोखिम कम हो जाएगी। हाल ही में डेरिवेटिव मार्केट में रिटेल इन्वेस्टर की भागीदारी बहुत ज्यादा ही देखने को मिली थी जिसके बाद सेबी ने उनके हित के लिए यह फैसला लिया।
भारतीय बाजार में अभी 6 से ज्यादा डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट चालू है जो की है बैंक निफ़्टी, निफ्टी 50, सेंसेक्स, फिन निफ़्टी, बैंक की इत्यादि है। जो की साप्ताहिक एक्सपायरी होते हैं। कई न्यूज़ रिपोर्टर के अनुसार सबसे ज्यादा भागीदारी सेंसेक्स और बैंक निफ्टी में है। इसमें ज्यादातर भागीदारी अपना लॉस करते हैं।
फ्यूचर एंड ऑप्शन में 10 में से 9 ट्रेंड्स लॉस करते हैं।
हाल ही में सेबी ने अपनी एक नई रिपोर्ट पब्लिश की है। जो कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में रिटेल इन्वेस्टर की बढ़ती हुई भागीदारी को लेकर है। इस रिपोर्ट में यह बताया कि फ्यूचर एंड ऑप्शन में 10 मैं से 9 ट्रेडर्स लॉस करते हैं। जिसमें ट्रेडर्स आमतौर पर एक से डेढ़ लाख के बीच में लॉस करते हैं
इसके साथ ही इस रिपोर्ट में यह बताया गया है की मात्रा 11% ट्रेडर्स प्रॉफिट करते हैं और उसमें भी उन्हें ज्यादा ब्रोकर और टैक्स देने पड़ते हैं।
साथ ही इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है की लास्ट के 3 सालों में डेरिवेटिव मार्केट में रिटेल्स के भागीदारी 7 से 8 गुना बढ़ गई है। जो की काफी चिंता जनक है। क्योंकि 10 में से 9 ट्रेडर्स फ्यूचर एंड ऑप्शन में लॉस करते हैं।
इसी रिपोर्ट को देखते हुए सेबी ने इंडेक्स मार्केट में डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट साइज को बढ़ाने का फैसला किया है ताकि बढ़ते हुए रिटेल इन्वेस्टर की भागीदारी को काम किया जा सके और उनके जोखिमों को भी काम किया जा सके।
नए नियमों के बाद यह रहेगी इंडेक्स डेरिवेटिव्स की लॉट साइज
सेबी ने अपने नए न्यू मूवी में इंडेक्स डेरिवेटिव्स की लॉट साइज बढ़ाने का फैसला किया है। यह नियम भारत के दोनों एक्सचेंज के ऊपर 20 नवंबर से लागू होंगे। नए नियमों के बाद इंडेक्स डेरिवेटिव्स की लॉट साइज यह हो जाएगी।
इंडेक्स | लॉट साइज |
Nifty 50 | निफ्टी 50 के एक लॉट साइज अभी 25 का है जो कि नए नियम के बाद 75 का हो जाएगा |
Nifty Bank | निफ़्टी बैंक नए नियम के बाद एक लॉट का साइज 15 से 30 हो जाएगा |
Nifty Financial Services | निफ़्टी फाइनेंशियल सर्विस जो अभी 25 का है नए नियम की बात 65 का हो जाएगा |
Nifty Midcap | निफ़्टी मिड कैप का एक लॉट का साइज 50 से 120 हो जाएगा |
Nifty Next 50 | निफ़्टी नेक्स्ट 50 के एक लॉट का साइज 10 से 20 हो जाएगा |
Sensex 30 | सेंसेक्स 30 का एक लॉट का साइज 10 से 20 हो जाएगा |
नए नियम के बाद एक लॉट खरीदने के इतने रुपए देने होंगे।
सेबी ने अपने नए नियम में इंडेक्स डेरिवेटिव कांट्रैक्ट नोटिस के लोट साइज बढ़ाने के साथ-साथ इनके कॉन्ट्रैक्ट प्राइस को भी बढ़ने का फैसला किया है। सेबी के नए सर्कुलर के अनुसार अब कॉन्ट्रैक्ट प्राइस 15 लाख रुपये से 20 लाख रुपये के बीच होगा।
सेबी के नए नियम के कारण 20 नवंबर के बाद सारे इंडेक्स डेरिवेटिव कांट्रैक्ट की प्राइस और उनके लॉट साइड चेंज हो जाएंगे।
इंडेक्स डेरिवेटिव में सबसे ज्यादा वॉल्यूम में ट्रेड होने वाले 3 इंडेक्स है जो की बैंक निफ्टी, सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 है। सेबी के नए सर्कुलर के बाद बैंक निफ्टी की आखिरी वीकली एक्सपायरी 13 नवंबर को है। और निफ्टी 50 और सेंसेक्स 30 की वीकली एक्सपायरी होती रहेगी। 13 नवंबर को आखिरी वीकली एक्सपायरी होने के बाद बैंक निफ्टी की atm की एक लॉट का साइज खरीदने के लिए ट्रेडर्स को लगभग 10 से ₹12 हज़ार देने पड़ सकते हैं। वहीं सेंसेक्स 30 और निफ्टी 50 की बात करें तो atm की एक लोट साइज खरीदने के लिए ट्रेडर्स को 7000 और 5000 के लगभग देने पड़ सकते हैं।