हाल ही भारत सरकार ने ब्रॉडबैंड के लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन में बदलाव करने का फ़ैसला किया है। अब आवंटन नीलामी की जगह प्रशासनिक तरीके से किया जाएगा। जिसके बाद एलन मस्क ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर इसको लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। जिसके बाद यह साफ हो गया कि एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक जल्द ही भारत में टेलीकॉम सेक्टर में अपने सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन के साथ बाजार में उतर सकती है।
स्टरलिंक एलन मस्क की प्राइवेट कंपनी है जो कि विश्व भर में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड की माध्यम से इंटरनेट सेवा उपलब्ध कराती है।
सैटेलाइट ब्रॉडबैंड के माध्यम से किसी भी जगह पर इंटरनेट की सेवा उपलब्ध कराई जा सकती है चाहे वह पहाड़ हो या कोई भी ग्रामीण इलाके जहां पर पारंपरिक इंटरनेट की सेवा नहीं पहुंच पाती है वहा पर सैटेलाइट ब्रॉडबैंड काफी मददगार साबित हो सकती हैं।
जल्द भारत में लॉन्च हो सकती है स्टारलिंक की सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा
एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक जल्द ही अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्शन भारत में लॉन्च कर सकती है इसके लिए कंपनी ने पहले ही टेलीकॉम मिनिस्ट्री को अप्रूवल के लिए अपनी फाइल सबमिट कर दी है। कंपनी टेलीकॉम इंडस्ट्री से अप्रूवल मिलने के बाद भारत में अपनी सेवा चालू कर सकती है।
कंपनी साल 2021 से ही भारत में आने की तैयारी कर रही है लेकिन नियमों के कारण कंपनी को साल 2021 में इंटरनेट सेवा के लिए अप्रूवल नहीं मिल पाई थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भारत ने सिक्योरिटी रीजन के कारण कंपनी को सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा के लिए अप्रूवल नही मिला था।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया मैं छपी एक आर्टिकल के अनुसार स्टारलिंक को अपनी सैटेलाइट ब्रॉडबैंड कनेक्शन सेवा प्रदान करने के लिए टेलीकॉम मिनिस्ट्री से अप्रूवल मिल चुकी है।
जल्द ही सरकार द्वारा प्रशासनिक तरीके से ब्रॉडबैंड के लिए सैटेलाइट स्पेक्ट्रम का आवंटन किया जायेगा, इसके बाद एलन मस्क की कम्पनी स्टारलिंक अपनी सेवा चालू कर सकते है।
हालांकि इस रेस में एलन मस्क की कंपनी अकेले ही नहीं है। बल्कि इंडिया की बड़ी-बड़ी टेलीकॉम कंपनी इस रेस में स्टारलिंक से आगे है। इस रेस में भारत के सबसे अमीर व्यक्ति मुकेश अंबानी की कंपनी जियो और भारतीय एयरटेल कंपनी द्वारा समर्थित वनवेब कंपनी भी है। इन कंपनियों को सरकार द्वारा पहले ही जीएमपीसीएस लाइसेंस दी जा चुके हैं।
दुनिया के सबसे धनी व्यक्ति एलन मस्क और भारत की सबसे धनी आदमी मुकेश अंबानी में मुकाबला
अभी भारत के टेलीकॉम सेक्टर में दो प्रमुख कंपनियों का दबदबा है जिसमें से एक रिलायंस जियो है और दूसरी भारतीय एयरटेल है। दोनों कंपनी मिलकर भारत के टेलीकॉम सेक्टर का 80% मार्केट शेयर करती है। जिसमें से जियो के पास लगभग पूरे का 51% मार्केट है वहीं भारतीय एयरटेल के पास 30% मार्केट शेयर है।
वही एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक दुनिया भर में सैटेलाइट ब्रॉडबैंड इंटरनेट सेवा प्रदान करती है। एलन मस्क की कंपनी अभी दुनिया भर में 100 से अधिक देशों में अपनी सेवा प्रदान दे रही है वहीं कंपनी के पास लगभग अभी 41 लाख सब्सक्राइबर है। कंपनी लगभग अपने 6000 से अधिक सैटलाइटों के माध्यम से पूरे 100 देश में इंटरनेट सेवा मुहैया कर रही है।
वही मुकेश अंबानी की कंपनी जियो के पास भारत में अभी लगभग 45 करोड़ के आस-पास यूजर्स है। जिससे कंपनी पारंपरिक तरीके से इंटरनेट माहिया कर रही है। वही कंपनी ने सैटेलाइट बेस इंटरनेट सेवा मुहैया करने के लिए लक्ज़मबर्ग स्थित एक जाने-माने सैटेलाइट ऑपरेटर एसईएस एस्ट्रा के साथ हाथ मिलाया है। कंपनी के पास अभी ऑर्बिट में 70 से लेकर 100 सैटलाइटों के बीच में स्थित है। जिससे कंपनी इंटरनेट मुहैया कराती हैं।
वही विशेषज्ञों की माने तो एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक को भारत के मार्केट में पांव जमाने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि पहले से ही बड़ी-बड़ी कंपनियों के पास काफी मात्रा में टेलीकॉम सेक्टर में भागीदारी है।
इस बार कंपनियों के बीच सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी की जगह प्रशासनिक तरीके से किया जाएगा, जिससे एलन मस्क की कंपनी को दूसरी कंपनियों से मुकाबले में आसानी होगी।
वहीं भारतीय कंपनी जियो और भारतीय एयरटेल मानना है कि वह सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन प्रशासनिक तरीके से किए जाने को लेकर तैयार नहीं है। उनका मानना है की सेटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन नीलामी के माध्यम से की जानी चाहिए। क्योंकि भारत में इससे जुड़े कोई भी कानून नहीं है।
भारतीय टेलीकॉम कंपनियों का मानना है कि सैटेलाइट स्पेक्ट्रम आवंटन प्रशासनिक तरीके से किए जाने से उन्हें विदेशी कंपनियों से काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है। क्योंकि सैटेलाइट तकनीक में वह उनसे आगे हो सकते हैं।
भारत में मोबाइल डाटा की कीमतें
जाने माने वेबसाइट Statista द्वारा पब्लिश की गई आर्टिकल की माने तो भारत में 1GB की कीमत लगभग 13 से 14 रुपए के बीच जो की डॉलर में 0.17 होते हैं। जो की भारत को दुनिया में सबसे सस्ता इंटरनेट मुहैया कराने में टॉप 5 देश में जाना जाता है।
घरेलू टेलीफोन कंपनियां जैसे की जियो और भारतीय एयरटेल भारतीयों को काफी कम दरों में इंटरनेट मुहैया करती है। जिससे एलन मस्क की कंपनी को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
वही एलन मस्क की कंपनी स्टारलिंक की बात करें तो उसके उसे साइट पर दिए गए जानकारी के अनुसार अगर आप घर पर इंटरनेट सुविधा चाहते हैं तो आपको कम से कम 75 यूरो मासिक दिन होंगे। जो कि भारतीय रुपए में लगभग 7000 के करीब होते हैं। वही देखना होगा कि इतनी कीमतों के बाद भी एलन मस्क की कंपनी भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपना पांव पसार पाती है कि नहीं।
वहीं विशेषज्ञों की माने तो उनका मानना है कि एलन मस्क दुनिया के सबसे धनी इंसान है और वह भारतीय टेलीकॉम सेक्टर में अपना पांच जमाने के लिए भारतीयों को इंटरनेट सुविधा काफी सस्ते में उपलब्ध करा सकते हैं ताकि वह आसानी से भारत की टेलीकॉम सेक्टर में अपनी हिस्सेदारी बना सके।
भारत में इंटरनेट यूजरों की संख्या 80 करोड़
वर्ल्ड बैंक द्वारा पब्लिश की गई जानकारी के अनुसार भारत की जनसंख्या लगभग 1.4 अरब है। वही इंटरनेट उपभोक्ताओं पर नजर रखने वाली संस्था की माने तो अभी इंडिया में लगभग 80 करोड़ इंटरनेट यूजर है। जो कि पूरे जनसंख्या का लगभग 60% है।
अभी भी भारत की लगभग 40% आबादी इंटरनेट से दूर है। जो की आने वाली समय में इंटरनेट से जुड़ सकती है जिससे एलन मस्क की कंपनी स्टाइलिंग को फायदा हो सकता है। क्योंकि सेटेलाइट से दूर दराज गांवों में भी आसानी से इंटरनेट मुहैया कराया जा सकता है।